इंसान ही इंसान के काम आना है!



पैदा हुए हैं इसी मिट्टी मेँ

मिट्टी मेँ ही मिल जाना हैं

क्या खोया था और क्या पाना हैं

किस चीज़ का लालच हैं

और किस चीज़ को हथियाना हैं

ना कुछ साथ लाये थे

ना कुछ साथ ले जाना हैं

चाहे हो सोना चांदी

या हो हीरे मोती

पेट में तो अनाज ही जाना हैं

मत लांघो

इंसानियत की लकीरों को

छोड़ दो काले कामों को

आखिर इंसान ही इंसान के काम आना हैं।।

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