शब्द



शब्द तीर बन
सबके दिलों में उतर गये
कुछ जीवन सँवर गये 
कुछ रिश्ते बिखर गए।

किसी ने बाहों के झूलों में झुलाया
तो कोई रौंद गया पैरों से
कुछ ऊपर उठ गए
कुछ खुद से भी नीचे गिर गए।

सोच बदली तो
बदल गयी जीवनशैली भी
कुछ परिवर्तन के भाव में बह गए
कुछ डूब के रह गए।

थोड़े से शब्द 
बदल गए सब कुछ
कुछ उसके साथ चले गए
कुछ अपनी अकड़ में पिछड़ गए।।।

Comments

  1. Finally u did it....
    Its the good one....������

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  2. Vimal kumar jain13 July 2017 at 07:54

    very good efforts ....��


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